CBSE Board Exam 2024:10वी और 12वी की  परीक्षा में हुआ बदलाव |

CBSE Board Exam 2024: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड CBSE ने 2025 की Board परीक्षाओं में किए कुछ नए बदलाव। नए नियम दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं पर लागू होंगे। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य छात्रों की गुणवत्ता और विकास में बढ़ावा लाना है। इन नियमों की मदद से छात्र को पूरा पढ़ाई का माहोल मिलेगा जिससे उनकी क्षमता में वृद्धि होगी और वह अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग कर पाएंगे। इन नियम के आधार परकौशल आधारित प्रश्नों की संख्या में वृद्धि होगी और न्यूनतम उपस्थिति की आवश्यकता भी होगी।

आइए जानें बोर्ड परीक्षा 2025 के नए नियम विस्तार में

CBSE बोर्ड 2025 ने परीक्षाओं के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य बच्चों के शैक्षणिक विकास पर नजर डालना है और यह है कुछ नए नियम ; 75पर्तिशत उपस्तिथि अनिवार्य है , 50% प्रश्न कोशल वोर क्षमता पर आधारित है , कुछ विषयो में ओपन बुक परीक्षा का प्रावधान , चुनिन्दा विशेयो में डिजिटल , 

न्यूनतम उपस्थिति की आवश्यकता

  • इस नियम का प्रमुख उद्देश्य बच्चों को नियामित रूप से स्कूल में बुलाना हैं और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना है।
  • छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75 प्रीतिशत उपस्थिति चाहिए होगी।
  • यह नियम दसवीं और बारहवीं दोनों बोर्ड की कक्षाओं पर लागू किया जाएगा।
  • उपस्थिति की गिनती 1 जनवरी 2025 तक मानी जाएगी।
  • बिन परिस्थितियों में 25 प्रीतिशत तक की छूट दे सकते है।

उपस्थिति के लाभ

  • नियमित कक्षा में आने से छात्रों को अच्छे से समझने का मौक़ा मिलेगा।
  • कक्षा में उपस्थिति से छात्रों की शिक्षकों एवं अपने सहपाठियों से तालमेल बढ़ेगा।
  • इससे छात्रों को अनुशासन और ज़िम्मेदारी की भावना में भी बदलाव आएगा।
  • स्कूल में उपस्थिति छात्रों की कई कलाओं को निखारेगा।
कौशल आधारित प्रश्नों की संख्या में वृद्धि

इस बार CBSE 2025 की परीक्षाओं में बोर्ड ने कौशल और क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाने का फ़ैसला लिया है

  • 10वीं कक्षा 50 Percent प्रश्न कौशल आधारित होंगे।
  • 12वीं कक्षा: हर बार की तरह 40 Percent नहीं होंगे चालीस Percent से बढ़ाकर पचास percent प्रश्न कौशल आधारित होंगे।

प्रश्न किस तरह से होंगे?

  • MCQs बहुविकल्पी प्रश्न
  • केस स्टडी प्रश्न
  • इस तरह का परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप हैं जिसमे कोशल आधारित शिक्षा पर जोर दिया जाता हैं

कौशल आधारित प्रश्नों के लाभ

  • गहरी समझ
  • वहवाहिरिक ज्ञान
  • क्रिटीकल थिंकिंग
  • रचनात्मक
  • बेहतर मुक्यांकन

आंतरिक मुक्यांकन का महत्व

2025 CBSE ने बोर्ड की परीक्षाओं में आंत्रिंक मूल्यांकन पर प्रभाव दिया जाएगा

कुल अंकों में से 40 प्रीतिशत आंतरिक मूल्यांकन पर होगा।

शेष 60 परितिशत अंक अंतिम बोर्ड से आयेगा।

आंतरिक मूल्यांकन में प्रोजेक्ट असाइनमेंट आदि होंगे।

आंतरिक मूल्यांकन के फायदे

निरंतर मूल्यांकन

तनाव कम

व्यापक मूल्यांकन

प्रैक्टिकल ज्ञान

पाठ्यकर्म में कटौती

CBSE ने छात्रों की रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम में 15 प्रीतिशत तक कटौती की है

इससे छात्रों को आसानी से समझ आयेगा और व्यावहारिक शिक्षा का ज्ञान होगा।

बचे हुए समय का उपयोग कई गतिविधियों में प्रयोग किया जाएगा।

पाठ्यक्रम कटौती के लाभ

रचनात्मक गतिविधियों में वृद्धि

तनाव कम

वहवारिक शिक्षा का ज्ञान

ओपन बुक परीक्षा

छात्र परीक्षा के समय अपनी पाठ्यपुस्तक का प्रयोग कर सकते हैं।

प्रश्न करते हो ये ज्ञान के बजाए अपनी समझ और अनुपयोग पर केंद्रित होंगे।

ओपन बुक परीक्षा के लाभ

गहरी समझ-छात्र रखने के बजाए अपनी समझ पर धयान देंगे।

क्रिटिकल थिंकिंग-छात्रों को अधिक जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

तनाव कम-घटने के दबाव से कम होकर छात्रों को तनावमुक्त रखने का अवसर मिलेगा।

निष्कर्ष

इसमें दी गई सभी जानकारी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है।

CBSE बोर्ड परीक्षा 2025 के  नियमों में कोई आधिकारिक बदलाव नहीं किया गया है। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए CBSC साईट पर जा सकते हैं।

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